“दिल की बातें” काव्य गोष्ठी में युवाओं ने बाँधा समां

साहित्यिक मंच पर संवेदना, सरोकार और सृजन का संगम
रायगढ़ – – छत्तीसगढ़ की साहित्यिक संस्था ‘कौशल काव्य धारा’ द्वारा वृंदावन हॉल रायपुर में शनिवार को एक भावपूर्ण और सृजनशील काव्य संध्या का आयोजन किया गया। “दिल की बातें” विषय पर केंद्रित इस काव्य गोष्ठी में प्रदेश के नवोदित और वरिष्ठ कवियों ने शिरकत कर मंच को जीवंत बना दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध व्यंग्यकार गिरीश पंकज, विशिष्ट अतिथि आचार्य अमरनाथ त्यागी एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ माणिक विश्वकर्मा उपस्थित रहे। संस्था के अध्यक्ष डॉ जेके डागर, संरक्षक डॉ विजय मिश्रा ‘अमित’ और विद्यासागर ने अतिथियों का पुष्पमालाओं से स्वागत कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। मंच की शोभा माँ शारदा की वंदना और दीप प्रज्वलन से आरंभ हुई।
काव्य गोष्ठी का कुशल संचालन कवि सुनील पांडे ने किया, जबकि श्रीमती सुषमा पटेल की सरस्वती वंदना ने साहित्यिक माहौल को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही, जिन्होंने प्रेम, सामाजिक सरोकार, महिला संवेदना और छत्तीसगढ़ी संस्कृति जैसे विविध विषयों पर कविताएं प्रस्तुत कीं।
गोष्ठी में प्रस्तुत रचनाओं ने श्रोताओं को संवेदना, आत्मचिंतन और विचार की गहराइयों से जोड़ने का कार्य किया। मंच पर अनुभवी साहित्यकारों और नवोदित कवियों के मध्य संवाद और भावों का सुंदर आदान-प्रदान देखने को मिला।
कार्यक्रम में डॉ महेन्द्र ठाकुर, रवि देवांगन, यशवंत यदु जोशीला, मुन्ना लाल यदु, राजेन्द्र रायपुरी, शिवानी मैत्रा सहित अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे, जिन्होंने काव्य पाठ के माध्यम से भावनाओं को स्वर दिया।
अंत में डॉ विजय मिश्रा ‘अमित’ द्वारा सभी अतिथियों और कवियों का आभार प्रकट करते हुए गोष्ठी का समापन किया गया। कार्यक्रम के उपरांत सभी उपस्थितजनों के लिए स्नेहिल जलपान की व्यवस्था की गई।
“दिल की बातें” गोष्ठी ने न केवल साहित्य को जीवंत किया, बल्कि युवाओं को भी मंच पर सृजनशील अभिव्यक्ति का अवसर प्रदान किया। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की साहित्यिक संस्कृति को सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक पहल सिद्ध हुआ।