हमारी सांस्कृतिक धरोहर है नागपंचमी

रायगढ़ – – थवाईत (बरई) महिला समाज की अध्यक्ष दिशा थवाईत का कहना है कि नागपंचगी थवाईत (बरई) समाज की सांस्कृतिक धरोहर है। जिस हम बरई दिवस के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास एवं श्रद्धाभक्ति से मनाते हैं। बरई दिवस समाज को आत्मनिरीक्षण और सामाजिक संवाद का अवसर प्रदान करती है। यह वह क्षण होता है। जब हम यह विचार करते हैं कि कैसे हमारी नई पीढ़ी शिक्षित सशक्त और आत्मनिर्भर बने शिक्षा स्वालंबन एवं संगठनात्मक एकता ही सामाजिक प्रति की नींव है।

हमारे समाज की सांस्कृतिक धरोहर रीति रिवाज पूजा पद्धतियाँ और सामाजिक एकता हमें विशिष्ट बनाती है।वहीं बरई समाज जिसे परंपरागत रूप से पान व्यवसाय से जोडा जाता है। उसकी जड़ें सिर्फ आर्थिक गतिविधियों में नहीं बल्कि गहरे पौराणिक इतिहास और धार्मिक आस्था में है। इस समाज की उत्पत्ति को महाभारत काल की नागवेल कथा से जोड़ा जाता है।
नागपंचमी को बरई (थवाईत) दिवस के रुप में मनाना एक परंपरा है। जो अब सामाजिक एकता और भविष्य की योजना का रुप ले रही है।