कला - साहित्य

“मिट्टी का घर है, छप्पर की छॉंव है, छोटा सा गाँव है”

डॉ. चित्तरंजन कर का यादगार गायन

रायगढ़- – विगत दिनों होटल सेंट्रल प्वाइंट पुराना बस स्टैंड बिलासपुर के ग्राउंड हाल में समन्वय साहित्य परिवार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर केन्द्र द्वारा संगीत संध्या का सरस आयोजन किया गया।

मंत्रमुग्ध हो गए श्रोता – – प्रसिद्ध भाषाविद, साहित्यकार और संगीतज्ञ डॉ. चित्तरंजन कर ने कवि संतोष श्रीवास के चयनित गीतों को विभिन्न राग – रागनियों में निबद्ध कर अत्यंत मधुर एवं कर्णप्रिय रूप में प्रस्तुत किया। जब उन्होंने गांव का चित्र उकेरनेवाली रचना ” मिट्टी का घर है , छप्पर की छाँव है , छोटा सा गाँव है” को स्वर दिया तो दर्शक दीर्घा में देर तक तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। वहीं श्रोता गण कोई दो घंटे तक अनवरत संगीत का आनंद लेते रहे। कवि संतोष श्रीवास समन्वय साहित्य परिवार केंद्र कोरबा के सचिव हैं और कुसमुंडा कोयला प्रक्षेत्र में कार्यरत हैं।

कवि संतोष का किया गया सम्मान – – डॉ.कर ने कार्यक्रम की शुरुआत’ समन्वय साहित्य परिवार छत्तीसगढ़ के कुल गीत “हम समन्वय करें हम समन्वय” से की ,जिसकी रचना डा.देवधर महंत ने की है। प्रारंभ में बिलासपुर केन्द्र के अध्यक्ष डॉ.गंगाधर पटेल “पुष्कर” द्वारा कवि संतोष श्रीवास का शाल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया। प्रांताध्यक्ष डॉ.देवधर महंत द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ .अजय पाठक ने आभार प्रदर्शन किया। वहीं संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन महेश श्रीवास ने शानदार ढंग से किया।

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