काव्य वाटिका की ओर से कला गुरु स्व. वेदमणी ठाकुर को दी गई विनम्र श्रद्धांजलि

रायगढ़ – – डा. डी पी साहू के निवास पर काव्य वाटिका द्वारा श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर महान संगीतज्ञ, साहित्यकार कलाकार ” बेदम ” के साहित्य पर विस्तृत चर्चा की गयी। श्री जगदीश मेहर जी द्वारा उनकी याद ताजा करते हुए बताया गया संगीत की गूढता, कठिन अभ्यास और गंभीरता के पुजारी बेदम जी सदा से सहज एवं सरल व्यक्ति थे। मान सम्मान को उन्होंने तवज्जो नही दी। मुम्बई में मशहूर संगीतकार नौशाद के बुलावे को उन्होंने इसलिए ठुकरा दिया कि रायगढ़ के संगीत प्रेमी शिष्य संगीत शिक्षा से वंचित न रह जाएँ। ऐसे उत्कृष्ट विचोरों से लवरेज बेदम जी का चले जाना साहित्य और संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रोफेसर के के तिवारी ने उनकी गजल संग्रह को अध्ययन करने हेतु सलाह दी।

उन्होंने कहा जीवन की गहराईयों को संवेदना को छुती उनकी कृति सभी को पढ़ना चाहिए। डा. डी पी साहू द्वारा उनके जीवन काल की प्रेरणात्मक प्रसंगों की चर्चा कर महान कला गुरु को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस कड़ी मे श्रीमती अरुणा साहू, डा. आशा मेहर ‘किरण’, सुप्रसिद्ध चित्रकार मनोज श्रीवास्तव, श्रीमती साधना मिश्रा, सुश्री डा. गीता उपाध्याय, श्रीमती लिशा पटेल, श्रीमती पूर्णिमा चौधरी, आदि ने अपनी काव्य धारा से कला गुरु बेदम जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। सफल संचालन डा. गुलशन खम्हारी प्रदुम्न ने किया।