वरिष्ठ कवि राम गोपाल शुक्ल हुए काव्य वाटिका से सम्मानित

24वें पड़ाव पर पहुंचा काव्य वाटिका
रायगढ़ – – रायगढ़ के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, गीतकार जिन्होंने साहित्य को एक नई ऊंचाई प्रदान कर सदैव रायगढ़ का मान बढ़ाया है।ऐसे मूर्धन्य साहित्य के पुरोधा राम गोपाल शुक्ल को काव्य वाटिका के 24 वें चरण में सम्मानित किया गया। कवि श्री शुक्ल ने सामाजिक चेतना के लिए काव्य में गीत को अपना माध्यम बनाया और अपने सुमधुर गीतों से साहित्य का सेवक करते रहे हैं।
कालजयी है श्री शुक्ल की हर कृति – – वरिष्ठ साहित्यकार कवि श्री शुक्ल की लिखित प्रेरणादाई पुस्तक “हीरा है तो दमकेगा” आज समाज में आइना दिखाने का काम कर रहा है। वहीं उनकी देशभक्ति,श्रृंगार,प्रकृति,वैदिक,और व्यंग्य शैली में अपने लेखनी चलाते हुए श्री शुक्ल ने हर मुद्दे पर अपनी बात को बहुत ही सरल और सहज ढंग से कहने का प्रयास करते हैं जो अनुकरणीय है। उनके काव्य हृदय को स्पंदित करते हैं जिसके मानवीय संवेदना परिलक्षित होती है यही कारण है की उनके काव्य उनके गीतों को हमेशा पसंद किया जाता रहा है।

साहित्य को रखना है जीवंत – – कवियत्री श्रीमती आशा मेहर ने कहा कि साहित्य समाज की चेतना का प्रतिबिम्ब है। जिसे जीवित रखना साहित्यकारों का प्रथम कर्तव्य है इस कर्तव्य का निर्वहन करते हुए रायगढ़ के साहित्यकारों ने काव्य वाटिका सम्मान की शुरुआत की थी, जिसके 24 वें सोपान में कवि रामगोपाल शुक्ल को सम्मानित किया गया। वहीं विगत दिनों रायगढ़ की छंदकारा धनेश्वरी देवांगन “धरा” और घनाक्षरी पर अपनी पहचान बना चुकी हैं व सुषमा पटेल के आतिथ्य में काव्य वाटिका सम्मान समारोह आयोजित की गई। जहां संस्थापक आशा मेहर ‘किरण’, सुधा देवांगन,अरुणा साहू एवं कार्यकारी सदस्य मनोज श्रीवास्तव ,स्वाती पांड्या,अजय पटनायक, गुलशन खम्हारी लीसा पटेल के द्वारा इस कार्यक्रम को मूर्त रुप दिया गया।
इनका रहा योगदान – – कार्यक्रम के दौरान कवियत्री सुधा देवांगन,अरुणा साहू, साधना मिश्रा, स्वाति पड्या,सुखदेव राठिया,सत्यम डनसेना, डॉ.जायसवाल,गुणामिधि दुबे,राजकुमारी डनसेना,कन्हैया लाल गुप्ता की गरिमामयी उपस्थिति रही। वहीं कार्यक्रम का सफल संचालन कवि आनंद सिंघनपुरी ने किया।