कला - साहित्य

काव्य वाटिका से सम्मानित हुए वरिष्ठ साहित्यकार कवि त्रिलोचन पटेल


23वें पड़ाव पर पहुंचा काव्य वाटिका
रायगढ़ – – सरिया क्षेत्र के प्रसिद्ध साहित्यकार जिन्होंने समाज को एक अनछुआ अहसास दिलाया। ऐसे मूर्धन्य भगवा वेश धारी साहित्य पुरोधा आ.त्रिलोचन पटेल को काव्य वाटिका के 23 वें चरण में सम्मानित किया गया।

विविध भाषाओं के ज्ञाता हैं श्री पटेल – – कवि श्री पटेल ने सामाजिक चेतना के दार्शनिक काव्य रथी के रूप में ओड़िया भाषांतर्गत् कई वैदिक ग्रंथों का भाषानुवाद भी किया है जिसमें महात्मा भीम भोइ कृत ब्रह्म निरूपण गीता, भजन माला, स्तुति चिंतामणि,आदि अंत गीता, अष्टक बिहारी गीता,निर्वेद साधन, श्रुति निषेध गीता, चौतीसामाला, मनु सभा मंडल, बांग्ला भजन आदि हैं इसके अलावा सुधी साहित्य के अंतर्गत लिखित “यथावत” त्रिलोचन पटेल को विशिष्ठ कवियों में शामिल करता है जिसने समाज को एक यथार्थ आइना दिखाने का प्रयास किया है।

लेखन जगत में है विशिष्ट पहचान – – साहित्य समाज की चेतना का प्रतिबिम्ब है,जिसे जीवित रखना साहित्यकारों का प्रथम कर्तव्य है इस कर्तव्य का निर्वहन करते हुए रायगढ़ के साहित्यकारों ने काव्य वाटिका सम्मान की शुरुआत की थी, जिसके 23 वें सोपान में त्रिलोचन पटेल जी को सम्मानित किया गया । त्रिलोचन पटेल जी साहित्यिक नगरी रायगढ़ के आधार स्तंभ रहे हैं,जिन्होंने अपनी ज्ञान वैशिष्टिक रचनाओं पर अपनी लेखनी चला कर सदैव साहित्य को दिव्यता प्रदान किए हैं।

आयोजन को इन्होंने दी भव्यता – – विगत दिनों वरिष्ठ कवियत्री श्रीमती अरुणा साहू के निवास स्थान पर विद्वान साहित्यकार कमल बोहिदार, रिटायर्ड प्रो डी पी साहू के आतिथ्य और कहानीकार श्यामनारायण श्रीवास्तव की अध्यक्षता में काव्य वाटिका सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जहां संस्थापक आशा मेहर ‘किरण’ ,सुधा देवांगन,अरुणा साहू एवं कार्यकारी सदस्य मनोज श्रीवास्तव व गुलशन खम्हारी ने इस कार्यक्रम को मूर्त रुप देकर भव्यता दिया।

कवि श्री पटेल के व्यक्तित्व पर प्रकाश – – वहीं इस दौरान कमल बहिदार ने श्री पटेल जी के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डाला,तत्पचात सरिया से पधारे त्रिनाथ राणा,शिव कुमार बैरागी,आ.महेंद्र माझी,गजानन ओम प्रधान,चंद्रिका दास वैष्णव, सुधा देवांगन,अरुणा साहू, साधना मिश्रा, स्वाति पड्या, पूर्णिमा चौधरी, डा. डी पी साहू, गुलशन खम्हारी, कमल बोहिदार,के द्वारा भी कविता का वाचन किया गया।

श्री पटेल ने धन्यवाद ज्ञापित किया – – ऐतिहासिक इस कार्यक्रम के साक्षी बने मनोज श्रीवास्तव जी ने आभार व्यक्त किया व कार्यक्रम के समापन की घोषणा की । काव्य वाटिका सम्मान से सम्मानित त्रिलोचन पटेल जी ने ऐसी पुनीत पहल के लिए काव्य वाटिका को धन्यवाद ज्ञापित किया । वहीं कार्यक्रम का सफल संचालन गुलशन खम्हारी ‘प्रद्युम्न’ ने किया।

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