आध्यात्म

आज से 28 तक गुरुद्वारा में निःशुल्क राहगीरों की सेवा

राहगीरों को किया जा रहा गरम दूध का वितरण

रायगढ़ – – शहर के युवा सिक्ख समाज के सदस्यों द्वारा आज 21 दिसंबर से 28 दिसंबर तक अनवरत शहीदी दिवस पर राहगीरों को ठंड़ के मौसम को देखते हुए गरम दूध का वितरण सेवा कार्य किया जा रहा है।

इसलिए मनाते हैं शहीदी दिवस – – सिक्ख समाज के युवा सक्रिय सदस्य राजदीप सिंग स्याल ने बताया कि विगत 1704 में गुरुगोविंद जी के चार साहेबजादे (पुत्र) थे। पहला अजीत सिंह 17 वर्ष, दूसरा जुझार सिंह 13 वर्ष जो चमकौर के युद्ध में शहीद हो गए। वहीं दो और छोटे साहेबजादे जोरावर सिंह 9 वर्ष और फतेह सिंह 6 वर्ष थे। इन दोनों शहजादे को और उनकी दादी जी (गुरु गोविंद सिंह जी की माँ) को मुगल सल्तनत के ठंडे बुर्ज में रखे गए थे। वहीं गुरुगोविंद सिंह जी के सेवक मोती मेहरा जी जो एक हिंदू थे उन्होंने अपनी पत्नी के गहने जेवर और जमीन जायदाद को बेचकर उन बच्चों व उनकी दादी की रक्षा के लिए मुगल सल्तनत के सिपाहियों को घुस देकर चुपचाप जाकर ठंडे बुर्ज में गरम दूध पिलाते थे ताकि उनका जीवन बचा रहे। अंततः दोनों बच्चों को फतवा जारी कर मुगल सल्तनत ने दीवार में चुनवा दिया। जिसे सुन – देख गुरुगोविंद सिंह जी की माँ भी तड़प – तड़प कर प्राण त्याग दीं। इस तरह गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहबजादे सन् 1704 में मुगल सल्तनत से हिंदुत्व हिंदू बहन बेटियों और हिंदुओं के धर्म बदले जाने के विरोध में मुगल सल्तनत से हिंदुत्व की रक्षा करने के लिए अपने चारों साहिब जादे व अपनी माताजी का बलिदान दे दिया। इसलिए गुरु गोविंद जी के समर्पण और उन चारों साहबजादों की शहदात को नमन् करते हुए शहीदी दिवस मनाया जाता है।

आठ दिन निःशुल्क गरम दूध की सेवा – – उन्होंने बताया कि आज 21 से 28 दिसंबर तक शहीदी दिवस के अवसर पर ठंड के मौसम को देखते हुए राहगीरों की सेवा करने के पवित्र उद्देश्य से शाम से रात तक शहर के सुभाष चौक स्थित गुरुद्वारा सदन के पास निःशुल्क गरम दूध वितरण सेवा का कार्य किया जाएगा। वहीं इस सेवा कार्य के अंतर्गत प्रतिदिन 100 से 200 सौ लीटर तक राहगीरों को वितरण किया जाएगा। वहीं गरम दूध की सेवा कार्य का यह आठवाँ वर्ष है।

सेवा कार्य में समर्पित सदस्य – – निःशुल्क आठ दिवसीय गरम दूध सेवा वितरण के पुनीत कार्य में सिक्ख समाज के सक्रिय युवा सदस्य राजदीप सिंग स्याल, हरप्रीत आजमानी, सिमर बग्गा, कमल सिंग घई सहित गुरुद्वारा के सदस्यगण अनवरत आठ दिनों तक सेवा कार्य में पवित्र मन से समर्पित रहेंगे।

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