श्रद्धा के बेशुमार दीपों से जगमगाया शहर का घाट

देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा महापर्व की रही धूम

रायगढ़ – – सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा महापर्व का विशेष महत्व है। मान्यता है कि दिवाली पर्व के बाद पूर्णिमा तिथि को देवलोक से भगवान शिव माता पार्वती, जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु माता लक्ष्मी भूलोक आकर काशी में गंगा नदी देव स्नान करते हैं। इसलिए इसे देव दिवाली पर्व भी कहा जाता है।वहीं यह भी मान्यता है कि जो लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रम्हमुहुर्त में पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर दीप दान करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। यही कारण है कि कि सनातन धर्म के लोग आजपर्यंत इस महापर्व को बड़ी श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाते आ रहे हैं। आज कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर शहर के सभी घाट दीपों की रोशनी से जगमगाया और भगवान शिव जी, पालनहार विष्णु जी, माता पार्वती, माता लक्ष्मी व माता तुलसी की महाआरती व जयकारे से गुंजायमान हो गया।

ब्रम्हमुहुर्त में हुई पूजा – अर्चना – – कार्तिक पूर्णिमा महापर्व की खुशी शहर के श्रद्धालुओं में देखते ही बनी वे ब्रम्हमुहुर्त में उठकर अपने परिजन के साथ पूजा की सामग्री लेकर शहर के अपने निर्धारित घाट में पहुंचे जहां कार्तिक स्नान कर अपने इष्ट देव – देवी की आराधना पूजा अर्चना कर महाआरती कर तालाब व नदी के घाट में अपनी श्रद्धा का दीप दान कर अत्यंत प्रसन्नचित नजर आए।

घाट में उमड़ा जनसैलाब – – शहर के कयाघाट, जूटमिल घाट, खर्राघाट, बेलादुला घाट, निकले महादेव मंदिर घाट बूढ़ी माई घाट सहित सभी घाट में हजारों सनातनी श्रद्धालुगण बड़ी श्रद्धा से अपने हाथ में दीप लेकर घाट पहुंचे और विधिवत पूजन – अर्चन कर दीपदान किए। इसके पश्चात मान्यता अनुसार लोगों ने जरुरतमंद लोगों को अपनी श्रद्धानुसार फल, कपड़े, पैसे व जरुरतमंद चीजें देकर पुण्य के भागी बनें। मन को भाया
आकाशदीप व आतिशबाजी – – आज कार्तिक पूर्णिमा महापर्व की खुशी में शहर के हजारों श्रद्धालुओं ने घाट में अनगिनत खूबसूरत आकाशदीप जलाकर आसमान को समर्पित किए। जिसकी खूबसूरती ने हर किसी के मन को प्रसन्नचित किया। इसी तरह बड़ों व छोटों ने विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगे पटाखे छुड़ाकर व जमकर आतिशबाजी के साथ कार्तिक पूर्णिमा महापर्व को श्रद्धा व उत्साह के साथ अपनों के संग सेल्फी लेते हुए यादगार ढंग से मनाया।