मौसी घर से रथारूढ़ होकर महाप्रभु पहुँचे अपने घर

जय जगन्नाथ महाप्रभु से गुंजित हुआ शहर
रायगढ़ – – शहर के राजापारा स्थित महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर में रियासत काल से उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी की तरह भगवान महाप्रभु के जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव को ऐतिहासिक एवं यादगार ढंग से मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस बार भी श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति, राजपरिवार के सदस्यगण व शहर के श्रद्धालुगण मिलकर श्रद्धा व भव्यता से मना रहे हैं। विगत सात दिन तक अपने मौसी घर में रहने के बाद आज महाप्रभु अपने मौसी घर से रथारूढ़ होकर पुनः अपने गर्भ गृह मंदिर में पहुँचे।

श्रद्धा से निकली बाहुड़ा रथ यात्रा – – रथोत्सव धार्मिक कार्यक्रम के अन्तर्गत आज 5 जुलाई शनिवार को शाम 4 बजे से बाहुड़ा रथ यात्रा भव्य बाजे – गाजे व भजन कीर्तन के साथ निकली व रास्ते भर अपने भक्तों को दर्शन देते हुए भगवान श्री जगन्नाथ जी अपने भाई बलभद्र जी एवं बहन सुभद्रा जी के साथ मौसी घर से रथारूढ़ होकर वापस अपने श्री मंदिर पहुँचे। जहाँ “उत्कलिका मातृशक्ति” द्वारा महाआरती कर स्वागत किया गया व उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। वहीं पूरा शहर व मंदिर परिसर हरि बोलो और जय जगन्नाथ महाप्रभु के पवित्र मंत्र से गुंजायमान हो गया। इसी तरह आज शहर के चक्रधर नगर चौक, दुर्गा मंदिर चौक, बैकुंठपुर, जूट मिल सहित अनेक स्थानों में रथयात्रा उत्सव बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया गया ।
आज 6 जुलाई को सोना भेष पूजा – – आगामी 6 जुलाई रविवार को शाम 6 बजे से शहर के जगन्नाथ महाप्रभु ऐतिहासिक मंदिर में वर्ष में सिर्फ एक बार तीनों महाप्रभु अपने बड़े भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ पूर्ण राजकीय भेष में अपने सभी स्वर्ण आभूषणों एवं आयुधों से अंलकृत होकर मंदिर प्रांगण में दर्शन देते हैं। इस दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु रसगुल्ले का भोग लगाया जाता है। वहीं भव्य रथोत्सव यात्रा व धार्मिक आयोजन को भव्यता देने में श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति के सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।