आध्यात्म

जीवात्मा का परमात्मा से मिलन ही महारास है – – पं उपेन्द्र कृष्ण भारद्वाज

बोईरदादर चौक में भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन रायगढ़ – – शहर के प्रतिष्ठित दंत चिकित्सक डॉ राजेश मिश्रा परिवार की अभिनव पहल से बड़ी श्रद्धा के साथ विगत 30 से 6 मई तक सात दिवसीय संगीतमयी पावन श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन सामुदायिक भवन बोईरदादर चौक डॉ मिश्रा दंत चिकित्सालय के पास किया जा रहा है। कथा व्यास पीठ में परम पूज्य श्री उपेन्द्र कृष्ण भारद्वाज महाराज विराजित हैं और यजमान श्रीमती देववती – भोला मिश्रा व आयोजक संजय मिश्रा हैं। वहीं प्रतिदन दोपहर तीन बजे से प्रभु श्री हरि की इच्छा तक श्रद्धालुओं को बड़े ही सहज सरल ढंग से कथा का रसपान करा रहे हैं।

महारास का महत्व – – व्यासपीठ पर विराजित उद्भट विद्वान पं उपेन्द्र कृष्ण भारद्वाज महाराज जी महारास प्रसंग के अंतर्गत श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि रास तो जीव का परब्रह्म ईश्वर के साथ मिलन की कथा है। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति का फल प्राप्त होता है तो उसे रास कहा जाता है। वहीं कथा प्रसंग में भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी भक्तों को खूब आनंदित किया। महाराज जी ने कहा कि जो भक्त ईश्वर प्रेम में आनंदित होते हैं और ऐसी मान्यता है कि जो श्रीकृष्ण तथा रूक्मिणी के विवाह में शामिल होते हैं, उनकी समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। इस तरह से कथा स्थल में श्रीमद्भागवत कथा की पावन धारा बह रही है। जिसमें श्रद्धालुगण डूबकी लगा रहे हैं और मधुर भजन संग भावविभोर होकर झूम रहे हैं।

आज सुदामा चरित्र – – पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत महारास प्रसंग व रुक्मिणी विवाह प्रसंग के पश्चात आज 6 मई को सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष कथा, तुलसी वर्षा, पूर्णाहुति व हवन यज्ञ का आयोजन होगा। वहीं सात दिवसीय पावन संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन को भव्यता देने में डॉ राजेश मिश्रा परिवार के सभी सदस्यगण जुटे हैं।

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