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ऊँ नमः शिवाय मंत्र से गुंजित हुआ शिवालय और शहर

जगह – जगह हुआ महाभंडारा

रायगढ़ – – हिंदू धर्म में सावन महीना को अत्यंत ही पवित्र माना गया है। यह महीना भगवान शिव जी को अत्यंत ही प्रिय है। मान्यता है कि जो भक्तगण पवित्र मन से पूरे सावन माह तक विधि विधान से भगवान भोलेनाथ जी की पूजा – अर्चना पवित्र मन से करते हैं और उनको जलाभिषेक कर रुद्राभिषेक करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं देवों के देव महादेव अवश्य पूरी करते हैं। यही कारण है कि सावन महीना और सोमवार का दिन बाबा के भक्तों के लिए विशेष माना जाता है। वहीं  सावन महीना का अंतिम सोमवार चार अगस्त को शहर के सभी शिवालयों में सुबह से रात तक भगवान भोलेनाथ जी की विशेष पूजा श्रद्धालुओं ने की और श्रद्धा के पुष्प व भोग अर्पित कर उन्होंने महादेव जी को नमन् किया।

श्रद्धा से किए जलाभिषेक – – सावन का अंतिम सोमवार होने से श्रद्धालुओं की खुशी देखते ही बनी वे सुबह स्नान से निवृत होकर जल लेकर भगवान शिव के मंदिर पहुँचे और जलाभिषेक कर उनके प्रति फूल, फल विल्व पत्र, पंचामृत से विधिवत पूजा की। शहर के गौरीशंकर मंदिर, निकले महादेव मंदिर, पहाड़ मंदिर, पंडरीपानी महालक्ष्मी मंदिर, कोसमनारा बाबा सत्यनारायण धाम में श्रद्धालुओं का रेला सुबह से रात तक दर्शन – पूजन के लिए लगा रहा व समूचा अंचल बाबा भोलेनाथ जी के पवित्र मंत्र बम – बम भोले और ऊँ नमः शिवाय के महामंत्र से गुंजायमान हो गया।

रुद्राभिषेक का आयोजन – – सावन माह का अंतिम सोमवार दिन का भी विशेष महत्व है और इस दिन भक्तगण अपनी मनोरथ पूरी करने कठिन व्रत नियमों का पालन करते हुए सुयोग्य पंडितों के सानिध्य में मंदिर व घर में रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं। पावन अंतिम सावन माह के दिन सोमवार को भगवान भोलेनाथ जी के भक्तों ने महापर्व की खुशी में अपने घर व शिवालयों में रुद्राभिषेक यज्ञ का आयोजन भी श्रद्धा से किया।

महाभंडारा व भजन कीर्तन – – सावन माह का अंतिम सोमवार होने से बाबा महाकाल के भक्तों ने खुशी से पूजा अर्चना की इसके पश्चात दोपहर में अनेक स्थानों में महाभंडारा का आयोजन किया जहाँ भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बने। इसी तरह श्रद्धालुओं ने शाम को शिवालय व अपने घर में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया। जिसका उन्होंने हृदय से आनंद लिया। वहीं अंतिम सावन सोमवार होने से शहर के शिवालयों में श्रद्धालुओं की उपस्थिति होने से रौनक रही व सर्वत्र आध्यात्मिक खुशी का माहौल रहा।

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