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विराट व्यक्तित्व के तेजोमय पुंज से समाज में आलोकित हो रहा रामचन्द्र शर्मा का व्यक्तित्व

अंतस तक असर करती है इनके व्यक्तित्व का प्रभाव

रायगढ़ – – यह सच है कि हीरे की गुणवत्ता, धुली रात चाँदनी की शीतलता, कस्तूरी की महक और सूर्य की प्रखरता का बयां नहीं किया जाता अपितु इसकी अनुभूति अंतरात्मा से होती है और इनका अनुभव होते ही मन और आत्मा दोनों पुलकित हो उठते हैं। जिसे देख हर मन भी अति मुदित हो जाता है। समाज में कुछ लोगों का व्यक्तित्व भी कुदरत की इन्हीं यथार्थ चीजों की मानिंद विशिष्टता को खुद में समाहित कर अपने व्यक्तित्व की तेजोमय पुंज से कभी आलोकित करते हैं तो कभी कस्तूरी सा महकते हैं तो कभी अपने अपनत्व की शीतलता से हर मन को सुकून देते हैं तो कभी अपने हुनर की गुणवत्ता से हर हृदय को आकृष्ट करने में कामयाब रहते हैं। कुदरत की तमाम इन्हीं विशिष्टताओं से परिपूर्ण हैं शहर के युवा व्यक्तित्व के धनी, हर उम्र के लोगों के अत्यंत चहेते, नामचीन मार्गदर्शक, कुशल वक्ता, बेहद मृदुभाषी, अति मिलनसार, बेहतरीन किक्रेट खिलाड़ी, सर्व समाज के चहेते, समाज के प्रति पवित्र समर्पण भाव से सेवा में तल्लीन,अति दूरदर्शी, राजनीति समंदर के तैराक में प्रवीण संस्कार पब्लिक स्कूल के डॉयरेक्टर रामचन्द्र शर्मा। जो समाज में अपनी जिंदगी के पल से संघर्ष करते हुए शहर ही नहीं अपितु पूरे राज्य में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके हैं और इनके व्यक्तित्व के खूबसूरत हुनर से सर्व समाज के सभी उम्र के लोग कायल हैं।

संघर्ष के तपिश से निखरा व्यक्तित्व – – मृदुभाषी रामचन्द्र शर्मा का व्यक्तित्व यूँ ही नहीं आज समाज में आलोकित हो रहा है। ये बचपन से आज पर्यन्त जीवन के विविध विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए और उस संघर्ष के पथ से अपने लिए नव पथ का चुनाव करते हुए अपने कदम बढ़ाते हुए कामयाबी के पथ पर निरंतर अग्रसर हैं। जीवन को कैसे जीना है खुद के लिए, परिवार के लिए और सर्व समाज के लिए। इन्हीं खूबसूरत सोच के साथ इनकी सुबह की शुरुआत होती है तो एक नव नेक सर्व कल्याण भाव से इनकी रात का प्रहर व्यतीत होता है। ये बेहद यथार्थवादी व सिद्धांतवादी हैं ताकि खुद के साथ औरों के हित में अपनी जिंदगी के निजी पल को बेहद दूरदर्शी सोच के साथ खूबसूरत बनाने में कोई कमी नहीं करते हैं। यही वजह है कि आज सर्वसमाज में रामचन्द्र शर्मा का नाम बड़े ही अदब से लिया जा रहा है।

नवनीत सा हृदय और नेक कार्य के पुजारी – – विराट व्यक्तित्व के धनी रामचंद्र शर्मा के व्यक्तित्व की यह भी बड़ी खासियत है कि ये अपने माता – पिता की सेवा में श्रवण कुमार की तरह समर्पण रहे तो अपने घर कुल परिवार और सर्वसमाज के हित में यथा नाम तथा गुण को चरितार्थ करते हुए अपने हर उत्तरदायित्वों का पालन करते हुए अनेक नेक कार्य कर अपनी विशिष्ट भूमिका का निर्वहन करने में अग्रणी हैं। वहीं इनका हृदय नवनीत के समान है जो पर ताप का स्पर्श होते ही क्षण भर में पिघल जाता है तो इनकी आँखें भी अपनत्व और आत्मीयता के भाव से पर पीर देखकर सजल होकर रुख़सार तक अश्क छलक जाते हैं। जिसे देख कर हर मन से यह वृत्ति उठती है। वाह! क्या व्यक्तित्व है। क्या जीवन जीने का सलीका है..।

भाव को समझने में प्रवीण – – प्रखर वक्ता रामचन्द्र शर्मा को हर किसी की भावना को समझने में ईश्वर से वरदान मिला है। ये व्यक्ति की भावना को अच्छी तरह से समझते हैं और हर संभव सहयोग करने में पीछे नहीं रहते कोरोना काल में अज्ञात मृतात्मा की शांति के लिए जहां हवन यज्ञ कराकर मानवता का उत्कृष्ट परिचय दिए हैं। वहीं समाज के जरुरतमंद लोगों की भावना की कद्र करते हुए हर संभव सहयोग कर नेकी कर दरिया में डाल कहावत को चरितार्थ कर अपने कार्यों में पूरे मनोयोग से समर्पित रहते हैं। यह भी इनके व्यक्तित्व की विशिष्टता है।

समाज के लिए कुछ कर गुजरने की चाह – – क्रिकेट खेल के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके एक बेहतरीन खिलाड़ी रामचन्द्र शर्मा का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। श्री शर्मा खेल, शिक्षा, सर्व समाज की सेवा कार्य में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं साथ ही इनमें समाज के लिए कुछ अलग कर गुजरने की चाह भी है। जिसके लिए पूरे मनोयोग से समर्पित भी हैं और समाज के लोग भी इनका प्रतिपल साथ भी दे रहे हैं जो इनके विराट व्यक्तित्व की गरिमा को और भी बढ़ा रहा है। वहीं इनका कहना भी है कि – –

जब मिली है जिंदगी,
तो कुछ जुदा करना है।
मेरी चाह बस यही,
हर दिल में रहना है।।

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