कला - साहित्य
छंद-मनहरण घनाक्षरी “प्रेम रीत”

छंद-मनहरण घनाक्षरी
“प्रेम रीत”
आओ मेरे मनमीत, महके साँसों
में प्रीत,
निभाएँगे प्रेम रीत,
अनुराग संग में।
जीवन डगर पर, हाथ लिए हाथ
धर,
‘सुषमा’ सानिध्य सुख,
हृदय उमंग में।
प्रेमल स्नेहिल क्षण, उल्लासित कण-कण,
लाल-हरा नीला-पीला,
विविध ही रंग में।
स्वर्णिम संसार सजे, मधुर पायल बजे,
स्नेह सुधा रसधार,
प्रफुल्लित अंग में।
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…✍️कवयित्री सुषमा प्रेम पटेल (रायपुर छ.ग.)