कला - साहित्य

कला और मानविकी के विषयों की ओर छात्रों का रूझान समाज के लिए एक अच्छा संकेत है

आलेख – रमेश शर्मा

कई दशकों से समाज उस दौर से गुजर रहा है जबकि अधिकांश विद्यार्थी डॉक्टर , इंजीनियर या सीए वगैरह ही बनना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखकर वे अपने संकाय का चयन भी करते हैं । विद्यार्थियों के माता-पिता भी यही चाहते हैं कि उनकी संतानें उस दिशा में चलना सीखें जहां आगे चलकर जीवन को आर्थिक रूप से सक्षम किया जा सके । इस विजन को लेकर चलने वाली संतानें बिना कोई सोच विचार किये कई बार अनिच्छा से विज्ञान, कॉमर्स या गणित जैसे विषयों का चयन कर लेते हैं। उन्हें अच्छी सफलता भी मिल जाती है पर कई बार जीवन भर किसी बात की कमी जैसी उन्हें महसूस होती है। हम देखते भी हैं कि अच्छे पैकेज पर काम करने वाले युवा प्रोफेशनल्स अचानक नौकरी छोड़कर आध्यात्म की ओर चले जाते हैं। अर्थ की सुरक्षा के साथ साथ जीवन जीने की कला सिखाने वाली चीजों को जीवन में शामिल करना आज जरूरी है। तमाम संसाधनों की विपुलता के बाद भी मनुष्य का जीवन जिन तनावों से और अवसादों से आज घिरा हुआ है उसमें जीवन जीने की कला सिखाने वाली चीजों का जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है । वही चीजें हमें तनावों से, अवसादों से बचाती हैं। कला , साहित्य, संगीत, आध्यात्म इत्यादि ऐसे घटक हैं जो कला एवं मानविकी विषयों से हमारे जीवन को प्राप्त होते हैं। या तो हम एक विषय के रूप में इनका अध्ययन करें या अगर हम अन्य संकायों में अध्ययनरत हैं तो अन्य माध्यमों से इसकी कमी को हम जीवन में पूरा कर सकते हैं।

मैंने इस वर्ष 2024 के लिए छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल अंतर्गत रायगढ़ जिले के रिजल्ट का अवलोकन किया तब मुझे आश्चर्य हुआ कि कला एवं मानविकी के विषयों में भी विद्यार्थी बहुत जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। शासकीय जूट मिल हायर सेकेंडरी स्कूल रायगढ़ के कला बिषय के छात्र कृष भारद्वाज ने 12 वीं परीक्षा में जिले भर में टॉप किया है। स्वामी आत्मानंद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चक्रधर नगर की 12वीं कला बिषय की छात्राएं आकांक्षा चावले ने 87.6 प्रतिशत अंकों के साथ जबकि इसी संकाय की पूजा यादव ने 86.2 प्रतिशत अंकों के साथ बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है। जिले में ऐसे और भी बच्चे हैं जिन्होंने कला बिषय से 80 फीसदी से ऊपर अंक प्राप्त किये हैं। मुझे आश्चर्य हुआ जब इन परिणामों को देखकर शासकीय चक्रधरनगर स्कूल की 10 वीं उत्तीर्ण छात्रा शाहीन शाहनवाज जिन्होंने 82.8 प्रतिशत अंक लिए हैं, उसने भी कला बिषय के चयन का निर्णय लिया है।

आज सूचना क्रांति के समय में परिस्थितियां बदली हैं।यहां भी अनेक अवसर हैं। कला मानविकी के विषयों में आकर जब छात्र भाषायी और विजनरी के स्तर पर परिपक्व होता है तो हर क्षेत्र में आगे जा सकता है।जरूरी शर्त यही है कि कला, मानविकी विषयों में आकर वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे।

अब ऐसा लगता है कि इस दिशा की ओर भी बच्चे आकर्षित हो रहे हैं , जो समाज में एक अच्छा संकेत है। इस दिशा में जाकर भी जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल हो सकता है। रुचियों के हिसाब से अगर विषयों का चयन हो तो बेहतर प्रदर्शन के लिए जीवन में अनेक विकल्प मिलते हैं। कला एवं मानविकी विषयों की महत्ता को नज़र अंदाज़ करना उचित निर्णय नहीं है। इसलिए जो भी निर्णय करें, सोच समझकर ही करें।

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