हठयोगी श्री श्री बाबा सत्यनारायण जी– एक तपस्वी जीवन का श्रद्धापूर्ण संकलन

रायगढ़ – – श्री श्री बाबा सत्यनारायण जी का जीवन स्वयं में एक दिव्य चमत्कार से कम नहीं है। रायगढ़ की पुण्यभूमि पर उनका तपस्वी स्वरूप दैदीप्यमान होकर समस्त अंचल को आध्यात्मिक प्रकाश से आलोकित कर रहा है। उनके जीवन-दर्शन, साधना और समाज के प्रति उनके योगदान को समर्पित एक अद्वितीय साझा काव्य संकलन “हठयोगी श्री श्री बाबा सत्यनारायण जी” का भव्य विमोचन उनके जन्मदिवस पर, आधी रात की पावन वेला 1:30 बजे, स्वयं बाबा जी के कर कमलों से संपन्न हुआ।

यह ऐतिहासिक क्षण हजारों श्रद्धालु भक्तों की गरिमामयी उपस्थिति में एक दिव्य महोत्सव में परिणत हो गया। इस साझा संकलन का उद्देश्य तपस्वी बाबा जी के त्यागमय जीवन और आध्यात्मिक साधना को जन-जन तक पहुँचाना है। छंद आधारित यह संकलन न केवल साहित्यिक महत्व रखता है, बल्कि इसे भक्ति-गीतों के रूप में प्रस्तुत कर उपासना का माध्यम भी बनाया जा सकता है। यह प्रयास एक पुण्य संकल्प के रूप में साहित्य और साधना के मध्य सेतु का कार्य करता है। इस अमूल्य कृति का संपादन डॉ. आशा मेहर “किरण”, डॉ. सुधा देवांगन “शुचि” तथा डॉ. अजय पटनायक “मयंक” के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। इसमें रायगढ़ के 37 विशिष्ट साहित्यकारों ने अपने भावपुष्प अर्पित किए हैं, जिससे यह संकलन काव्यगंधा बनकर सुगंधित हो उठा है। वित्त मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद आदरणीय राधेश्याम राठिया , नगर निगम महापौर जीवर्धन चौहान, ख्याति प्राप्त चित्रकार मनोज श्रीवास्तव तथा समिति के सचिव रमेश बेहरा ने अपनी शुभकामना संदेशों से इस संकलन को गौरवान्वित किया है। वहीं वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश मेहर ने अपनी वंदना से इस ग्रंथ का मंगलारंभ किया।

इस काव्य संकलन विमोचन जिन साहित्य विभूतियों ने शोभा बढ़ाई, उनमें प्रमुख रूप से – मनोज श्रीवास्तव, आशा मेहर, सुधा देवांगन, अजय पटनायक, कन्हैया लाल गुप्ता,हरेंद्र डनसेना, तेजराम नायक, धनेश्वरी देवांगन, गुलशन खम्हारी, सुखदेव राठिया, पूर्णिमा चौधरी,जयंत यादव, सीमा पटेल, इंदु साहू, भारती महंत, केशिका साहू, लिशा पटेल सहित अनेक प्रतिष्ठित रचनाकारों एवं उनके परिवार की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस महायोजना के सृजन और सफल क्रियान्वयन में बाबा धाम समिति के संचालक आदरणीय मुकेश जी की प्रमुख भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम का कुशल और भावमय संचालन डॉ. अजय पटनायक “मयंक” द्वारा बाबा जी के जन्मोत्सव गीतों के माध्यम से किया गया, जो संपूर्ण आयोजन को आत्मीयता और ऊर्जा से भर गया। यह साझा संकलन केवल एक पुस्तक नहीं, अपितु एक आध्यात्मिक धरोहर है, जो आने वाली पीढ़ियों को तपस्वी बाबा जी के आदर्श जीवन से प्रेरित करती रहेगी।