देवस्नान के साथ रथोत्सव प्रारंभ, महाप्रभु का कराया गया स्नान


रायगढ़ – – आज श्रीजगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा सम्पूर्ण जगत के नाथ भगवान श्रीजगन्नाथ उनके बडे भाई श्रीबलभद्र जी एवं बहन देवी सुभद्रा का भव्य एवं दिव्य स्नान महोत्सव का आयोजन किया गया। इस दिन भगवान श्रीजगन्नाथ बड़ेभाई श्रीबलभद्र जी एवं बहन देवी सुभद्रा के विग्रहों को प्रातःकाल ही गर्भगृह से बाहर स्नान मंडप में लाया गया, तत्पश्चात 108 कुंभों के पवित्र औषधीय युक्त जल से भगवान श्रीजगन्नाथ बलभद्र देव एवं देवी – देवी सुभद्रा जी को स्नान कराकर महाभोग लगाया गया।


संध्याकाल में भगवान के समक्ष कलाकारों द्वारा ओडिसी नृत्य का भव्य आयोजन किया गया एवं महा आरती के पश्चात भगवान 15 दिवस के लिए अस्वस्थ हो जायेंगे ।इन दिनों मंदिर के कपाट बंद रहते हैं । 15 दिनों के पश्चात आषाढ शुक्लपक्ष प्रतिपदा को भगवान के नेत्र खुलते हैं एवं अगले दिन द्वितीया को भगवान रथारुढ होते हैं। रायगढ राजपरिवार द्वारा भगवान का छेरापहरा किया जाता है । तत्पश्चात अगले दिन तृतीया को रथ नगर भ्रमण के लिए निकलता है एवं भगवान 8 दिवस अपने मौसी घर में रहकर विश्राम करते हैं तब दशमी अर्थात 5 जुलाई को रथ वापस मंदिर आते हैं । 6 जुलाई को भगवान का सोनाभेष होता है , इसमे भगवान को समस्त स्वर्ण युक्त अलंकारों एवं सभी आयुधों से अलंकृत किया जाता है । यह दर्शन वर्ष में सिर्फ एक बार ही होता है। तत्पश्चात भगवान 4 माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं एवं इन महिनों में विवाह आदि सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है जो कार्तिक मास मे देव उठनी एकादशी को भगवान के निद्रा से जागने के पश्चात सभी शुभ कार्य पुन: आरंभ हो जाता है । इस प्रकार सभी हिंदू धर्म के रीतिरिवाज एवं परम्परायें श्रीजगन्नाथ मंदिर से जुडे हुए हैं।