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जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ सम्पन्न

रायगढ़ – – आज 10 नवंबर को आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय रायपुर के निर्देशानुसार ,शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ से संबद्ध जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ में 9 नवंबर को जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत (ऐतिहासिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान) विषय पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।एक दिवसीय कार्यशाला जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन के डायरेक्टर श्रीमती तृप्ति अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य , संस्था के चेयरमैन शिरीष सारडा ,जनसंपर्क विभाग रायगढ़ से लक्षदीप चंद्रा के विशिष्ट आतिथ्य में एवं कॉलेज के प्राचार्य डॉ गजेंद्र चक्रधारी के मार्गदर्शन से तथा जानकी कॉलेज के जनजाति समाज कार्यक्रम कार्यशाला  के संयोजक प्रो मयंक शीतल डनसेना के नेतृत्व में सम्पन्न हुई । एक दिवसीय कार्यशाला के मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. बी .के भगत सहायक प्राध्यापक (हिंदी)  के एम टी शासकीय कन्या महाविद्यालय रायगढ़ थे।सर्वप्रथम मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, प्रमुख वक्ता, प्राचार्य द्वारा  मां सरस्वती, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ,स्वामी विवेकानंद जी, भगवान बिरसा मुंडा के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर  कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।तत्पश्चात राज्यकीय गीत का सामूहिक रूप से गायन किया गया। विशिष्ट अतिथि शिरीष सारडा ने जनजाति समाज के विशेषताओं से अवगत किया।

जनजाति समाज के लोग बहुधा मृदुभाषी और प्रकृति प्रेमी होते हैं। विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क विभाग रायगढ़ से लक्षदीप चंद्रा ने आदिवासी जनजाति समाज की संस्कृति से परिचित कराया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रो बी के भगत के एम टी शासकीय कन्या महाविद्यालय रायगढ़ ने जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत उसके ऐतिहासिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान को उपस्थित विद्यार्थियों कॉलेज स्टॉफ को प्रोजेक्टर द्वारा  प्रभावपूर्ण व विस्तारित रूप से प्रस्तुत कर जनजाति समाज का गौरवशाली अतीत और उनके योगदान के विविध अनछुए  पहलुओं को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के भगवान बिरसा मुंडा के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रांतिकारी तिलक मांझी , रानी दुर्गावती , छत्तीसगढ़ बस्तर से गुण्डाधुर तथा भारत के विभिन्न राज्यों में स्वतंत्रता का अलख जगाने वाले क्रांतिकारियों आदिवासी नायकों के पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी प्रदान की।  मुख्य अतिथि श्रीमती तृप्ति अग्रवाल ने कार्यशाला के विषय पर केंद्रित प्रकाश डालते हुए कहा कि आदिवासी जल जंगल और जमीन से जुड़े हुए सादगी पसंद लोग होते हैं जिनकी लोक संस्कृति और परंपराएं बेजोड़ समृद्ध होती हैं। इनका अतीत ऐतिहासिक आध्यात्मिक होने के साथ साथ सामाजिक  गौरवशाली  प्रेरणादायक अविस्मरणीय है।  कॉलेज के प्राचार्य डॉ गजेंद्र चक्रधारी ने कहा कि जनजाति माह के दौरान एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य वक्ता प्रो बी के भगत द्वारा बताए गए जानकारी निश्चित रूप से हमारे विद्यार्थियों के ज्ञान में अभिवृद्धि करेगा । देश को आजादी दिलाने व देश को सोने की चिड़िया बनाने में आदिवासी समाज के नायकों का विशेष भूमिका रही है।  उनके योगदान  को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

संस्था के डायरेक्टर एवं प्राचार्य द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला के वक्ता मुख्य वक्ता प्रो बी के भगत के एम टी शासकीय कन्या महाविद्यालय रायगढ़ एवं विशिष्ट अतिथि जनसंपर्क विभाग रायगढ़ से लक्ष्यदीप चंद्रा को पुष्प गुच्छ ,श्रीफल,और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यशाला अंत में राष्ट्रगान का सामूहिक रूप से समवेत स्वर में गायन किया गया।इस अवसर पर महाविद्यालय प्रो विवेक कांबले प्रो केशव पटेल,नरेंद्र प्रधान विद्यानंद पटेल,दिनेश पटेल , प्रो सीताराम कैवर्त्य, प्रो भरत सिदार,श्री संतोष ठाकुर ,प्रो अंजु पटेल,श्री बोधराम बेहरा , प्रो नेहा साहू,प्रो नेहा डनसेना,लक्ष्मी सिंह,  बसंत बांजी,दिलेश्वर खूंटे, आदि के साथ अधिक संख्या में रासेयो स्वयं सेवक और अन्य समस्त छात्र – छात्राओं की अधिक संख्या में सहभागिता एवं उपस्थिति रही।

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