आध्यात्म

प्रेम करना है तो सुदामा की तरह करिए – पं विजय शंकर मेहता

होटल श्रेष्ठा में भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

रायगढ़ – – होटल श्रेष्ठा में शहर के प्रतिष्ठित आशाराम परिवार के सभी सदस्यगण पितृमोक्षार्थ गया श्राद्धान्तर्गत भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। वहीं व्यासपीठ पर विराजित हैं देश के उद्धट विद्वान पं विजयशंकर मेहता जो अपने दिव्य प्रवचनों से प्रतिदिन दोपहर तीन से सात बजे तक कथा का रसपान कराकर उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किए

जीवन में सत्संग कीजिए – – व्यासपीठ पर विराजित देश के उद्धट विद्वान पं विजयशंकर मेहता ने कथा प्रसंग के अंतर्गत श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करते हुए कहा कि सत्संग का फल तत्काल मिलता है। प्रभु परमात्मा ने सदैव सत्संग को महत्व दिए हैं। सत्संग करने से जीवन की आसक्ति समाप्त होती है और प्रभु की कृपा और आशीष मिलता है। अच्छे सत्संग करने वाले व्यक्ति का हमेशा भला ही होता है। इसलिए जीवन में अच्छे लोगों का सत्संग करना चाहिए।

सुदामा पर प्रभु की विशेष कृपा हुई – – उद्भट विद्वान कथा वाचक पं विजय शंकर मेहता ने कथा प्रसंग के अंतर्गत आज समापन अवसर पर सुदामा चरित्र की कथा सुनाए जिसे सुनकर श्रद्धालुओं की आँखें नम हो गई है वहीं उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सुदामा विप्र की तरह निश्चछल प्रेम करना चाहिए। परमात्मा ने उनकी तरह – तरह से परीक्षा लिए परंतु वे कभी भी विचलित नहीं हुए अंत में प्रभु श्रीहरि की कृपा से गरीब विप्र सुदामा की कुटिया राजमहल में बदल गया। ऐसी ही परमात्मा की माया। वहीं कथा विश्रांति के पश्चात महापूर्णाहूति और हवन यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें आशाराम परिवार के सभी श्रद्धालुगण श्रद्धा से शामिल हुए। इसके पश्चात तुलसी वर्षा हुई व सभी श्रद्धालुओं के लिए महाभंडारा का आयोजन किया गया। सात दिवसीय पितृ मोक्षार्थ गया श्राद्धान्तगर्त के भव्य श्रीमद्भागवत कथा आयोजन को भव्य बनाने में आशाराम परिवार के सभी श्रद्धालुओं का योगदान रहा।

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