अपने हुनर से हर महफिल को यादगार बना रहा युवा एंकर तनय जैन

प्रगति की ओर अग्रसर, युवा उभरता एंकर

रायगढ़ – – जीवन में चाहे कोई भी कला हो इसका विशेष महत्व रहता है। यूँ तो ईश्वर हर किसी को कोई ना कोई कला का अनुपम उपहार देकर इस जहान में भेजते हैं। कोई अपनी कला को पहचान लेते हैं तो कोई इसे पहचान भी नहीं पाते और फ़कत दिल्लगी में उनका लम्हा यूं ही गुजर जाता है साथ ही जमाने में ऐसे शख्स की ना पहचान बनती है और ना ही वे कुछ कमाल कर पाते हैं। परंतु जो शख्स अपनी कला की कद्र करते हुए, उसे पहचानते हुए धैर्य, एकाग्रता, लगन व मेहनत को तरजीह देते हुए आहिस्ता – आहिस्ता कदम बढ़ाते हैं तो उन्हें, उनकी एक दिन मंजिल मिलती है साथ ही एक शानदार कामयाबी के साथ जमाने में अपनी एक अलग विशिष्ट पहचान मिलती है। अपने जीवन में सफलता के इन्हीं मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए और अपनी कला को पहचान कर उसकी कद्र करते हुए। शहर के युवा उभरता कलाकार एंकर तनय जैन अपनी एक अलग पहचान बनाने के साथ कामयाबी को ओर अग्रसर हैं। युवा उभरता एंकर तनय ने अपने सफ़रनामे को बड़ी विनम्रता से शेयर किया।

ख्वाहिश थी अपनी कला को दूँ तरजीह – – शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति आर के जैन व उनकी अर्द्धागिंनी श्रीमती कुसुम जैन के प्रतिभावान सुपुत्र तनय जैन ने कहा कि मैंने बीकॉम की इम्तिहान में सफल होने के बाद आडियो – वीडियो की एडिटिंग कार्य में लगा रहा परंतु अंतस के कोने से ये सदा आती थी कि जिंदगी में यही नहीं कुछ और भी करना है, अपनी हुनर कला को आगे बढ़ाओ और अपनी एक अलग पहचान बनाओ दरअसल मेरे अंतस से ऐसी सदा आने का भी प्रमुख कारण यह था कि मुझे बचपन से ही एंकरिंग करने की ख्वाहिश थी और इस विधा में आगे बढ़ने के लिए अंदर से विकल भी था। यह कहावत सच भी है कि “जहाँ चाह है, वहां राह है और मेरी चाह ने इस कला के पथ में खींच लाई और फिर एक नयी ऊर्जा, नव संकल्प के साथ प्रयास जारी किया साथ ही घर के सभी सदस्यों का भरपूर सकारात्मक सहयोग मिला।

महफिल की ओर हुआ रुख – – एंकरिंग में मेरी बचपन से ही विशेष दिलचस्पी थी यही वजह है कि इस कला में खुद को तराशते हुए महफिल में एंकरिंग कार्य को तरजीह दिया। समाज व तमाम शहरवासियों के सम्मानीय लोगों का प्यार और आशीर्वाद पाकर मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा फिर पीछे पलटकर नहीं देखा और हर महफिल से निमंत्रण मिलने लगा इसके अतिरिक्त पूरे छत्तीसगढ़ के अनेक जगहों में प्रस्तुति देने का सौभाग्य मिला व सुअवसर भी मिल रहा है। इस बात की भी खुशी है। जिसके लिए समाज के लोगों के प्रति आभारी हूँ।
रेडियो धूम में आरजे कार्य – – उन्होंने कहा कि अपनी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए खुद को तराशने लगा और आज भी बड़ी शिद्दत के साथ समर्पित भी हूँ। मेरे समक्ष उम्मीद की किरणें आलोकित हुई जिससे मेरा भी आत्मविश्वास बढ़ा और मुझे मौका महफिल में एंकरिंग करने का मिला। जो अनवरत चलता रहा इसके पश्चात विगत 2019 में रेडियो धूम रायगढ़ में आरजे का कार्य मिला। जिसकी खुशी को बयां कर पाना नामुमकिन है। इसके लिए “रेडियो धूम” के मेरे मार्गदर्शक रमाकांत शुक्ला व श्रीमती जया शुक्ला का हृदय से आभारी हूँ। जहाँ आत्मीयता व अपनत्व और नवीन ज्ञान के साथ मेरे डेढ़ वर्ष मुस्कान व खुशी से कैसे व्यतीत हुए इसका मुझे भान न हुआ। फिर मैंने अपनी कला को महत्व देते हुए एंकरिंग कार्य को विशेष प्राथमिकता दे रहा हूँ।
बनी पहचान, मिला सम्मान – – छत्तीसगढ़ का उभरता युवा एंकर तनय जैन को उनकी प्रतिभा, लगन व मेहनत का प्रतिफल मिलने लगा है। यही वजह है कि अनेक सामाजिक संस्थाओं से सम्मानित हो रहे हैं साथ ही समाज की हर महफिल भी इनके शानदार एंकरिंग से यादगार बन रही है और लोग भी इन्हें बड़े ही सम्मान और प्यार से आमंत्रित करने लगे हैं। वहीं प्रतिभावान तनय जैन का एंकरिंग हुनर विधा के क्षेत्र में पहचान बन रही है। जिससे वे बेहद खुश और कामयाबी के लिए आशान्वित भी है। दिल से मेहनत करें और आगे बढ़ें – – उभरता एंकर तनय जैन ने यूथ वर्ग से निवेदन करते हुए कहा कि अपने हुनर और मेहनत के प्रति ईमानदार रहें और इसको महत्व देते हुए दिल से अपनी कला के प्रति मेहनत करें कामयाबी एक ना एक दिन जरुर मिलती है। अपनी कला को पहचानें और अपनी एक अलग पहचान बनाएं। इसी तरह उन्होंने कहा कि अपनी जिंदगी में कामयाब होने व मंजिल की तलाश में मेरा भी प्रयास हर पल जारी है।