कला – साहित्य
art-literature
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तोड़ सभी जंजीरों को
———————— मुक्त गगन में जीना है तो, तोड़ सभी जंजीरों कोlमाया सागर मे डूबे हैं, कोस रहे तकदीरों कोll मानव…
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नदी बह रही है
बह रही हैलगातार – लगातारसतत अनवरतअपनी मंथर गति सेसमय की पुरातन नदीउस पारमरी पड़ी हैआस्था की बूढ़ी गायफटे हुए पेट…
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