कला - साहित्य

रायगढ़ की डॉ परिधि शर्मा का कहानी संग्रह “प्रेम के देश में” प्रकाशन हेतु अनुशंसित

दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में होगा किताबों का विमोचन

रायगढ़ – – साहित्य के क्षेत्र में नए लेखकों की आमद साहित्य को समृद्ध करती है।विगत 6 दिसंबर शुक्रवार को शिवना नवलेखन पुरस्कारों की घोषणा हुई। जिसके जरिये चार नए लेखकों ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी प्रभावशाली दस्तक दी। वहीं इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रमेश शर्मा ने बताया कि शिवना नवलेखन पुरस्कार को शुरू करने की पहल समिति की अध्यक्ष सुधा ओम ढींगरा ने शिवना साहित्य समागम में की थी। जिसके बाद शिवना प्रकाशन के संचालक शहरयार ने पुरस्कार के लिए युवा लेखकों की पांडुलिपियाँ आमंत्रित की थीं। नवलेखकों ने बड़ी संख्या में अपनी पांडुलिपि सीहोर कार्यालय में शहरयार, इंदौर में ज्योति जैन, खंडवा में शैलेन्द्र शरण, दिल्ली में पारुल सिंह और अमेरिका में चयन समिति की अध्यक्ष सुधा ओम ढींगरा को भेजी। जिसके बाद चयन समिति ने पुरस्कार के लिए प्राप्त पांडुलिपियों में से उनका चयन किया। ‘शिवना नवलेखन पुरस्कार’ 2024 के लिए रश्मि कुलश्रेष्ठ के उपन्यास ‘शेष रहेगा प्रेम’ और शुभ्रा ओझा के कहानी संग्रह ‘आख़िरी चाय’, को संयुक्त रूप से पुरस्कृत घोषित किया गया। दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 में इन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
पुरस्कृत लेखकों के साथ ही दो अन्य लेखकों की श्रेष्ठ पांडुलिपियों को समिति ने प्रकाशन के लिए अनुशंसित किया जिसमें डॉ. परिधि शर्मा का कहानी संग्रह ‘प्रेम के देश में’ और डॉ. अनन्या मिश्र का संस्मरण ‘कही अनकही’ शामिल है। विदित हो कि डॉ परिधि शर्मा का रायगढ़ से गहरा नाता है और उनकी कहानियाँ साहित्य की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं।
शिवना द्वारा पुरस्कृत एवं अनुशंसित उपरोक्त चारों किताबों का विमोचन फरवरी 2025 में आयोजित होने वाले दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में एक साथ इन लेखकों की उपस्थिति में  किया जाएगा। शुक्रवार को इसकी घोषणा ऑनलाइन हुई जिसमें नामों की घोषणा समिति की अध्यक्ष सुधा ओम ढींगरा द्वारा की गयी। इन चारों किताबों पर विस्तार से साहित्यकार पंकज सुबीर ने चर्चा की। उन्होंने बताया कि अंतिम दौर की ये चारों पांडुलिपियां इतनी शानदार थीं कि इनमें से अवार्ड हेतु चयन करना एक मुश्किल काम था। इन सबमें एकाध नंबर का फर्क था इस लिहाज से ये चारों ही अवार्ड की हकदार थीं पर अंततः हमें एक निर्णय पर पहुंचना था और हमने परिणाम तैयार किया। हमारी नज़र में ये चारों ही बधाई की हकदार हैं।

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