कला - साहित्य

संयुक्त परिवार का विघटन एक वरदान या अभिशाप

संयुक्त परिवार में तू रह ले बंदे,
ये तो एक वरदान है
माँ – बाप भाई बहन के रिश्ते को
इससे मिलती जान है
इसका विघटन तू मत कर बंदे
ये तो एक अभिशाप है
तिनका – तिनका बिखर जाने से
समाज में गिरती अपनी शान है।।
संयुक्त परिवार में रहना अर्थात भाईचारे और आपसी तालमेल का बेजोड़ उदाहरण है। आज की इस भागती – दौड़ती जिंदगी में किसी को भी एक दूसरे का ख्याल नहीं रहता। परंतु संयुक्त परिवार में रहने से एक दूसरे के सुख – दुख में काम आकर एक आदर्श प्रस्तुत करते हैं। जिसे देखकर हमारे बच्चों में अच्छे संस्कार आते हैं। वहीं बुजुर्गों की सेवा देखकर बच्चों में सेवा करने की भावना आती है। जो आगे जाकर परिवार से समाज और समाज से देश की ओर इस भावना को बढ़ावा मिलता है और हमारे देश के भावी कर्णधार एक सुशिक्षित नागरिक के रुप में तैयार होते हैं। वहीं संयुक्त परिवार की खासियत यह है कि इस परिवार के बच्चों में परोपकार व सेवा भाव का प्रादुर्भाव होता है। वहीं संयुक्त परिवार में जब सभी साथ बैठते हैं तब “वसुधैव कुटुंबकम” का अहसास होता है और जिसने भी इस भाव को जिया है वो बहुत ही खुशनसीब है। वहीं – –
जीत की जरुरत महफिल में होती है
प्यार की जरुरत दिल में होती है
रिश्तों के बिना अधूरी है जिंदगी
क्योंकि रिश्ते की जरुरत पल – पल होती है
और ये रिश्ते मजबूत करते हैं
आपका और हमारा संयुक्त परिवार।।

संकलनकर्ता
किरण अग्रवाल, रायगढ़

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